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M**T
Good
Good
I**Y
देर रात तक....
शुक्रिया इस किताब के लिए, जिस समय मुझे ये किताब मिली मैं उदासियों से घिरी हुई थी, इस किताब ने बहुत मदद की खुदको समझने में, आप एक शानदार लेखक है, आपके शब्द रूह तक पहुँचते है, बहुत सारी शुभकामनाएं आपको। बनारस से खूब सारा प्यार आपको❤️
A**A
कहानी और कविता के बीच....
बेहतरीन रचना।।keep it up...✌️
A**A
देर रात तक
जितना भी लिखू इस पुस्तक के बारे में बहुत कम है । जीवन में लगे की सबकुछ खत्म हो गया है तो इस किताब को प्रेम से उठा लेना और ले जाना किसी एकांत में , जहाँ केवल तुम और यह पुस्तक हो ।न कहानी और न कविता की विधा में लिखी यह पुस्तक “ देर रात तक “ आपको भी पढ़ते हुए देर रात तक अपने आप से अलग न हो पाएगी ।जीवन और प्रेम को इतनी सहजता से समझाया की आप को लगेगा जैसे यह में क्यों सोच नहीं पाया ।इसको पढ़कर ऐसा लगा जैसे मानव कौल और गौरव गुप्ता को साथ में पढ़ रहा हूँ । या शायद यह विधा मुझे अपनी सी लगती हो ।जब में अपने एकांत में पुस्तक पढ़ रहा होता हूँ तो कभी मेरे कमरे को ध्यान से देखा ही नहीं या जो पास में रहती है उस पर कभी ध्यान जाता ही नहीं , जैसे इसमें लिखा है ।जैसे मेरे बेड पर बना एक चित्र जहाँ नदी किनारे एक छोटा सा घर है कुछ पेड़ पौधे और सुबह की लालिमा के साथ उगता सूर्य , आह कितना मनोरम दृश्य ।गौरव गुप्ता की यह पुस्तक भी इतनी ही खूबसूरत है , इसके पढ़ोगे तो हर एक चीज से प्रेम हो जाएगा और इसमें लिखे शब्द आपको जीवन जीना सिखा देंगे ।
A**D
देर रात तक पढ़ने के बाद
"देर रात तक"*गौरव गुप्ता की "देर रात तक" छोटी-छोटी कहानियों का ऐसा संग्रह है जो आपकी भावनाओं को गहराई से छूता है। हर कहानी में जीवन की साधारण घटनाएँ ऐसी संवेदनशीलता से बुनी गई हैं कि वे आपको अपने अनुभवों से जोड़ देती हैं। प्रेम, आशा, और संघर्ष जैसे भावों को सहजता से उकेरते हुए यह पुस्तक आपको सोचने और ठहरने का मौका देती है।"देर रात तक" न केवल एक पढ़ने का अनुभव है, बल्कि आत्मनिरीक्षण की यात्रा भी है। यदि आप कहानियों में गहराई और नया दृष्टिकोण तलाश रहे हैं, तो यह किताब आपके लिए है।
D**
Der raat tak ke saath mera anubhav
आत्मचिंतन और आत्मबोध के सफर की यह किताब की हर कहानी आपको अपने भीतर झांकने और उन सवालों से टकराने का मौका देती है, जिन्हें हम अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं।यह कहानियाँ जीवन की उन बारीक सच्चाइयों को उजागर करती हैं, जो हमें ठहरने और अपने फैसलों पर विचार करने के लिए प्रेरित करती हैं। गौरव ने शब्दों के जरिए न केवल बाहरी दुनिया का चित्रण किया है, बल्कि पाठकों को अपनी आंतरिक दुनिया से जोड़ने की कोशिश भी की है।
P**I
रात भर ऊंघती हुई करवटें
गौरव गुप्ता ने अपनी किताब का शीर्षक 'देर रात तक' उन तमाम व्यक्तियों की विचारधारा और विमर्श के साथ लिखा है जिसमें एक आम इन्सान अपने उपजे ख़्यालों को समेटने की कोशिश तो करता है लेकिन कभी समेट नहीं पाता। गौरव ने ये कार्य हम जैसे आम व्यक्तियों के लिए किया, जिससे हम अपने आप को समझ पाएं। जीवन की उस ढर्रे वाली गति को सहज़ पाएं जो हमें बार-बार अपने ट्रैक से उतार देती है।
S**
जीवन की खिड़की : देर रात तक
गौरव गुप्ता द्वारा लिखित "देर रात तक" एक ऐसी पुस्तक है जो आपकी आत्मा को छू लेती है। यह छोटी-छोटी कहानियों का संग्रह न केवल जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है, बल्कि आपको अपने भीतर झांकने पर भी मजबूर करता है।हर कहानी में जीवन के अनकहे और अनसुने पहलुओं को गहराई से उकेरा गया है। प्रेम, हताशा, आशा, और अंधकार से उजाले तक का सफर—इन कहानियों को पढ़ते हुए ऐसा लगता है जैसे आप खुद उन क्षणों का हिस्सा हैं। गौरव गुप्ता की लेखनी इतनी सशक्त है कि हर शब्द आपके दिल को छू जाता है।पुस्तक की सबसे बड़ी खूबसूरती इसकी सादगी है। जीवन की जटिलताओं को इतने सरल और प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करना हर लेखक के बस की बात नहीं। कहानियाँ न केवल मनोरंजन करती हैं, बल्कि आपको सोचने और अपने अनुभवों से जुड़ने का अवसर भी देती हैं।अगर आप जीवन के छोटे-छोटे पहलुओं में गहरी समझ और नए दृष्टिकोण की तलाश में हैं, तो "देर रात तक" एक बेहतरीन विकल्प है। यह पुस्तक पढ़ने के बाद आप इसे बार-बार पढ़ना चाहेंगे, क्योंकि हर बार कुछ नया महसूस होता है।
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